Shayari

जैसे जैसे लिखने का हुनर निखरता गया, झूट संवरता गया, सच बिखरता गया..!!! ये मोहब्बत का गणित है

चलो ज्यादा नहीं आज इतना बताओ, हम सर दर्द हैं या सकून तुम्हारा..!!!   तेरा गुरूर मेरी मोहब्बत