जैसे जैसे लिखने का हुनर निखरता गया,
झूट संवरता गया, सच बिखरता गया..!!!ये मोहब्बत का गणित है दोस्तो,
यहां दो में से एक गया तो कुछ भी नही बचता..!!!इश्क खुद खुशी का धंधा है,
अपनी ही लास अपना ही कंधा है..!!!जिन्हे पाने में ज़माने लगे हैं,
वो अब दिल तोड़ के जाने लगे हैं..!!यकीन मानिए दोस्तो,
मुझे यकीन ने मारा है..!!!



